कई जन्मों के पुण्य से, पाई मनुषा-देह।
मालिक की कर बन्दगी जन्म सफल कर लेह।।
बार-बार न पावसें, ऐसी उत्तम देह।
चौरासी से छूटने का उत्तम अवसर है येह।।
अर्थ :-महापुरूष अपनी वाणियों में हम जीवों को उपदेश कर रहे हैं कि ऐ जीव! जब अनेक जन्मों के पुण्य इकट्ठा होकर फल देने को होते हैं तब मनुष्य तन की प्राप्ति होती है। प्रभु की बन्दगी कर इस मनुष्य तन को सफल कर लो। चौरासी लाख योनियों से छूटने का एक उत्तम अवसर हमें मनुष्य तन के रूप में मिला हुआ है। ऐसा उत्तम अवसर बार-बार प्राप्त नहीं होता।
By virtue of many births, Pai Manusha-Deh.
Leh can make the owner's life successful.
Never again and again, such a good body.
This is the best opportunity to get away from eighty four.
Meaning: - In our consorts, Mahapurash, we are preaching to the living beings that you are living beings! When the virtues of many births are to gather and give result, then human body is attained. Make this human body successful by taking away the Lord. We have got a good opportunity to get rid of eighty-four million vagaries. Such a good opportunity is not received again and again.
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