नर तन पाय यत्न कर ऐसा, जिससे वह करतार मिले।
ऐसी उत्तम जून पदारथ,
फिर नहीं बारम्बार मिले।।
अर्थ :- ऐ मन! इस मनुष्य शरीर को पाकर कुछ ऐसा यत्न करना चाहिये
जिससे मालिक की भक्ति हाथ आए और उस परमपिता प्रभु के श्रीचरणों का मिलाप हो
क्योंकि ऐसा उत्तम और अनमोल जन्म बारम्बार मिलने का नहीं है।
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