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मानुष जन्म दुर्लभ है, बार-बार नहीं पायेगा। निकल गया जब समय हाथ से, फिर पीछे पछतायेगा।। Human birth is rare, it will not happen again and again.

manush janm durlabh

मानुष जन्म दुर्लभ है, बार-बार नहीं पायेगा।
निकल गया जब समय हाथ से, फिर पीछे पछतायेगा।।

स्वांस-स्वांस में नाम सुमिर ले, जन्म सफल हो जायेगा।
आवागमन का चक्कर छूटे, मुक्ति पदारथ पायेगा।।

अर्थ :- सन्तों की वाणियां उपदेश कर रही हैं कि ऐ मनुष्य! यह जो मनुष्य शरीर कुदरत की ओर से तुझे प्राप्त हुआ है, यह बहुत ही दुर्लभ है, यह एक बार हाथ से निकल जाने पर दोबारा नहीं मिलेगा। दुनिया की हर वस्तु नष्ट हो जाने पर दोबारा प्राप्त की जा सकती है परन्तु यह मनुष्य जन्म जब एक बार हाथ से निकल जाता है तो दोबारा नहीं मिल पायेगा और पश्चाताप के सिवाय कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
इसलिये सन्त उपदेश कर रहे हैं कि हर स्वांस में ईश्वर के नाम का सुमिरन कर लो जिससे तेरा यह मनुष्य शरीर धारण करने का उद्देश्य पूर्ण हो जायेगा और तेरी आत्मा आवागमन के चक्र से छूटकर मुक्ति को प्राप्त कर लेगी।

Human birth is rare, it will not happen again and again.
When the time is out of hand, then you will regret back.
Take the name Sumir in your breath, the birth will be successful.
Leave the cycle of traffic, you will get salvation.

Meaning: - The voices of the saints are preaching that O man! This human body which you have received from nature, it is very rare, once it is out of hand, it will not be found again. Everything in the world can be regained when it is destroyed, but once this human birth gets out of hand, it will not be able to be found again and nothing will be available except repentance.
That is why the saints are preaching that in every breath, chant the name of God, so that your purpose of assuming this human body will be fulfilled and your soul will be free from the cycle of movement and attain liberation.

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